गुस्सा आना, चिड़चिड़ापन भी हो सकता है
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ये सपने आते तो हैं लेकिन क्या आपने सोचा है कि इन बुरे सपनों का मतलब क्या होता है.
स्थितियों को समझने के लिए अपने सपनों का विश्लेषण करें जो उन्हें पैदा कर सकती हैं। चित्र: शटरस्टॉक
सोने से पहले डरावनी फिल्में, क्राइम शो या नेगेटिव न्यूज देखना हमारे दिमाग पर सीधा असर डालता है। जब आप सोने से ठीक पहले ऐसे दृश्य देखते हैं, तो अवचेतन मस्तिष्क उन चित्रों को पकड़कर रात को दोबारा प्ले करता है, नतीजतन डरावने सपने आते हैं। इसलिए कहा जाता है कि सोने से पहले पॉजिटिव कंटेंट देखना या सुनना फायदेमंद होता है।
दिल की बीमारियां हमारे सपनों पर भी असर डाल सकती हैं। जब हमारी हृदय गति तेज हो या घबराहट महसूस हो, तो यह दिमाग पर असर डालता है और हम डरावने सपने देख सकते हैं। कई बार, ऐसे डरावने सपनों के बाद दिल की धड़कन और तेज हो जाती है, जिससे हार्ट here अटैक का खतरा भी बढ़ सकता है। यह समस्या इसलिए हो सकती है क्योंकि हमारे शरीर में तनाव और घबराहट बढ़ जाती है, जिससे नींद भी प्रभावित होती है।
तनाव को कम करें: मानसिक शांति के लिए ध्यान, योग, या गहरी सांस लेने की प्रक्रिया अपनाएं। इससे न केवल आपकी नींद में सुधार होगा, बल्कि बुरे सपनों का खतरा भी कम होगा।
रात में क्यों आते हैं डरावने सपने? इसके पीछे क्या होती है वजह, यहां समझ लीजिए बुरे सपनों का सीक्रेट
यह खौफ का ऐसा मंजर होता है, जिसमें आप अपनी जान बचाने के लिए इधर उधर छिपते हैं.
नाइटमेयर आने पर आपको थकान कमजोरी होने जैसे लक्षण दिख सकते हैं.
एक सूदिंग सी नाइट लाइट जलाकर सोने से अच्छी नींद आती है.
इंसानी दिमाग पर हुए स्टडीज में इस समस्या को लेकर कई बाते सामने आई हैं, जो बुरे व डरावने सपनों का कारण बनती हैं.
मेडिकेशन पर ध्यान दें: कुछ मामलों में, आपका डॉक्टर अंतर्निहित मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों को प्रबंधित करने के लिए दवा लिख सकता है, जो बुरे सपनों में योगदान करती हैं।
थेरेपी या काउंसलिंग से मदद मिल सकती है।